पुत्रदा एकादशी 2024 | Date- Time | शुभ मुहूर्त - पुत्रदा एकादशी व्रत कथा | पुत्रदा एकादशी व्रत का महत्व

पौष पुत्रदा एकादशी आज है 2024 | Date- Time | शुभ मुहूर्त - पुत्रदा एकादशी व्रत कथा -Putrada Ekadashi 2024 vidhi | पुत्रदा एकादशी व्रत का महत्व |Putrada Ekadashi 2024 in Hindi

Putrada Ekadashi 2024

संतान के सुख और संतान की प्राप्ति के लिए पौष के महीने में पुत्रदा एकादशी का व्रत किया जाता है इस व्रत में भगवान् विष्णु की पूजा की जाती है साल 2024 में पुत्रदा एकादशी रविवार 21 जनवरी को है भगवान् विष्णु को प्रशन्न करके आप अपनी संतान के सुखो में वृद्धि और संतान प्राप्ति का फल प्राप्त कर सकते है हर साल पुत्रदा एकदशी के व्रत दो बार होते है पहला व्रत पौष माह में होता है और दूसरा व्रत सावन माह में होता है आज के इस Article में हम आपको बताने जा रहे है की कैसे आप इस व्रत को करके भगवान् बिष्णु को खुश करके इस व्रत लाभ ले सकते है है साथ हीआपको बताने जा रहे है इस व्रत का महत्व और इस व्रत की कथा तो आइये जाने पौष माह में होने वाले पुत्रदा एकादशी व्रत के बारे में सारी जानकारी।


 पुत्रदा एकादशी व्रत का महत्व क्या है 

हर माता पिता अपनी संतान की सुख समृद्धि के लिए कामना करते है जिनकी संतान नहीं होती है वो भगवान् से संतान प्राप्ति की कामना करते है ऐसे में पुत्रदा एकादशी व्रत का बहुत महत्त्व है क्योकि इस व्रत को पूरी निष्ठा और भक्ति से करके आप भगवान् का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते है यह व्रत भगवान् विष्णु को समर्पित है इस दिन भगवान् विष्णु की पूजा अर्चना होती है अगर आप पूरे मन और निष्ठा से इस व्रत के सभी नियमो का पालन करते है तो श्री हरी विष्णु आपकी सभी कामनाये पूर्ण करते है। 

इस साल पुत्रदा एकादशी किस दिन है 

साल 2024 में पुत्रदा एकादशी 21 जनवरी 2024  रविवार के दिन  है। 

पुत्रदा एकादशी व्रत कथा

भद्रावती नाम का एक नगर जहा के राजा सुकेतुमान जिनकी कोई संतान नहीं थी वह संतान के विरह में हमेशा चिंतत रहते थे उन्होंने कई यज्ञ अनुष्ठान पूजा कराई लेकिन उन्हें संतान का सुख प्राप्त नहीं हुवा वह हमेशा इस चिंता में रहते थे कीउनके बाद उनके राज्य का क्या होगा उनकी पाई का क्या होगा उनकी प्रजा का क्या होगा | इसी चिंता मे समय बीतता जा रहा था | एक दिन राजा जंगल में घूम रहे थे तो उन्हें पास की एक झरना दिखा राजा सुकेतुमान को प्यास भी लगी थी इस कारण वो उस झरने की और बाद चले वह जाकर वो देखते है की वह पर ऋषि मुनियो के आश्रम है राजा वह जाकर उन्हें प्रणाम करता है और उनसे पूछता है की आप रही मुनि कहा से आये है इस पर वो लोग कथे है की हे राजन आज का दिन बहुत शुभ है आज पुत्रदा एकादशी की हम इस सरोवर में स्नान करेंगे।  
राजा ने कौतुहल वश उन मुनियो को हाथ जोड़ विनती की और पुछा इससे क्या होगा तब ऋषियों ने राजा को बताया की आज के दिन जो भी भगवान् विष्णु के इस व्रत को पूरी निष्ठा से करेगा उसे संतान सुख की प्राप्ति होगी।
यह सुन राजा ने पूरी निष्ठा के साथ और नियमो के साथ उस व्रत को किया भगवान् विष्णु के आशीर्वाद से  कुछ समय बाद राजा के घर एक पुत्र का जन्म हुवा जो अतयंत पराकर्मी सुवीर होने के साथ साथ दयालु प्रवर्ति का हुवा। 

पुत्रदा एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त 

हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल 2024 में पुत्रदा एकादशी 20 जनवरी को शाम 7 बजकर 26 मिनट से शुरू हो रही है और अगले दिन 21 जनवरी को शाम 7 बजकर 26 मिनट तक रहेगी और इस व्रत का पारण 22 जनवरी को सुबह 6 बजे से 9 बजे के बीच किया जाएगा। 

पुत्रदा एकादशी व्रत करने की विधि

  • यह व्रत भगवान् विष्णु को प्रशन्न करने के लिए किया जाता है। 
  • इस दिन आपको सुबह स्नान कर मंदिर की सफाई कर भगवान् हरी विष्णु की पूजा करनी है 
  • इस दिन भगवान् श्री विष्णु की मूर्ति को स्नान कराये। 
  • स्नान करने के बाद भगवान् को फल फूल आदि चढ़ाये। 
  • भगवान् की प्रतिमा के आगे घी से बना दिया जलाये। 
  • अब आप सच्चे दिल से व्रत का संकल्प ले। 
  • इस दिन भगवान् विष्णु जी और माता लक्ष्मी की आरती करे। 
  • आरती के बाद भगवान् विष्णु को भोग लगाए जिसमे तुलसी शामिल हो। 
  • अंत में सबसे जरुरी बात की भगवान् से माफ़ी मांगे और ये कहते हुवे सच्चे दिल से प्रभु को प्रणाम करे।
  • इस दिन किसी को भी कोई अपशब्द ना कहे और ना ही किसी नशीली चीज का सेवन करे। 

वीडियो देखे : 
  


पुत्रदा एकादशी से सम्बंधित कुछ प्रश्न ( FAQ )

पुत्रदा एकादशी का व्रत क्यों किया जाता है ?
पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान के उज्जवल भविष्य और संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है। 

पुत्रदा एकादशी व्रत में किस भगवान् की पूजा की जाती है ?
पुत्रदा एकादशी व्रत में भगवान् श्री हरी विष्णु की पूजा की जाती है। 

साल 2024 में पुत्रदा एकादशी कब है ?
इस साल पुत्रदा एकादशी 21 जनवरी को है। 

पुत्रदा एकादशी में कौन सा भोजन खा सकते है?
पुत्रदा एकादशी में आपको सात्विक भोजन ही खाना है जिसमे आपको लहसुन प्याज हरी सब्ज़ी आदि से दूरी बनानी है।   

पुत्रदा एकादशी के व्रत का पारण कब करे ?
पुत्रदा एकादशी के व्रत का पारण व्रत के अगले दिन 22 जनवरी को सुबह 6 बजे से 9 बजे के बीच करे। 


निष्कर्ष 

इस आर्टिकल में हमने आपको पौष महीने में होने वाले पुत्रदा एकादशी की पूरी जानकारी दी है की कैसे इस व्रत को किया जाए कौन से भगवान् की पूजा की जाए और इस दिन क्या करे या क्या न करे, इस व्रत को विधिवत करके आप भगवान् विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते है। सच्चे मन से अगर आप इस व्रत को करते है तो आपकी समस्त कठिनाइयों का अंत होता है और भगवान् विष्णु की कारण आप पर बनी रही है इसी के साथ हम आजका अपना आर्टिकल समापत करते है ऐसी ही पोस्ट पहले पाने के लिए हमे सोशल मीडिया अकाउंट में फॉलो करे। 

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